यदु - भारत आवाज़ जन की

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विनय मौर्या जी का पढ़िए बब्बाजान ओ बब्बजान

विनय मौर्या जी का पढ़िए बब्बाजान ओ बब्बजान

बब्बाजान... अरे वो बब्बाजान...
आप बहुत निक काम करते हो...हर चीज हर स्थान का नाम बदलते हो...आपके नाम बदलन बदलाई से बहुते "भिकास"" हो जाता है।

जनता को खुब्बे फ़ायदा अउर हमरे जईसे लोगन को बदलाव की आस हो जाता है।

तो हमरा एक निभेदन है...समझ लो जनता के तरफ से ई आवेदन है। 

अब पिट्रोल का नाम बदलकर पंचामृत कर दो...काहे से की अब उ सबके नसीब में आने से रही...जिसके हिस्से में आएगा उ अंजुरी भर ही पायेगा।

अउर गैस का नामकरण "गौरवान्वित ईंधन पदार्थ "...क्योंकि आने वाले समय में ई गैस भी वही पायेगा जो अपना एफडी तोड़ेगा या चार बीघा जमीन बेचेगा तभी उ एक सलिंडर गैस पायेगा अउर अपने रसोई का गौरव बढ़ाएगा।

सरसो का तेलवा भी आजकल खुब्बे तनतना रहा है...यह भी आसमान हुए जा रहा है। इसलिए इसका नाम "लिक्विड गोल्ड" कर दो..."नॉट फ़ॉर ग़रीब मनई सोल्ड " कर दो। 
काहे से कूछ दिन में सरसो तेल धनपतराम ज्वेलर्स...सेतमणी ऑर्नामेंटस टाईप की दुकानों पर बिकेगा... हमारे यहां 24 कैरेट प्योर सरसो का तेल बिकता है टाईप के विज्ञापनो में दिखेगा।

अउर हां बब्बाजान.... दाल चावल गेहूँ वगैरह का नाम भी बादाम,काजू ,अखरोट टाईप का रख दो...तब्बे हम भिकास मानेंगे...नही तो हमहुँ इधर आपके खिलाफ पोस्ट "ठोकते " रहेंगे... ऐसे ही "सीक्सा" देकर आपको टोकते रहेंगे।

लभ जु बब्बा जान 

विनय मौर्या।

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